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अयादि संधि का अर्थ क्या है
संधि का अर्थ है ‘मेल’। जब दो वर्णों के परस्पर संयोग से उत्पन्न होने वाला तीसरा विकार संधि कहलाता है। सिंथेटिक ध्वनियाँ मेल खाती हैं। जब दो शब्दों का मेल हो जाता है तो पहले शब्द के अंतिम अक्षर को दूसरे शब्द के पहले अक्षर के बीच बदल दिया जाता है।
अयादि संधि किसे कहते हैं
जब ए, ऐ,ओ,औ, किसी अन्य स्वर के साथ संयोजन में होता है, तो यह (ए का अय ), (ऐ का अय ), (ओ का अव ), (औ का आव ) बन जाता है। इसे आयादी संधि कहते हैं।
यदि य,व के पहले व्यंजन पर अ, आ की मात्रा हो तो संयोजन हो सकता है, लेकिन यदि कोई अन्य विराम न हो तो + के बाद के भाग को ऐसे ही लिखना होगा।
अयादि संधि के उदाहरण निम्नलिखित है
ने+अन (ए+ अ) | नयन (अय) |
इस उदाहरण में आप देख सकते हैं कि शब्द में ए और अ दोनों स्वर हैं। जब शब्दों को मिलाया जाता है, तो इन दो स्वरों के कारण शब्द बदल जाते हैं। जब एक संघ होता है, ए और अ एक साथ अय बनाते हैं। ने और अन को मिलाने से नयन बनता है। इसलिए यह उदाहरण अयादि संधि के अंतर्गत आएगा।
नौ + इक (औ + इ) | नाविक (आव) |
जैसा कि आप ऊपर दिए हुए उदाहरण में देख सकते हैं कि औ और इ दोनों इन स्वरों में हैं। जब शब्दों को मिलाया जाता है, तो इन दो स्वरों के कारण शब्द बदल जाते हैं। जब एक संघ होता है, औ और इ मिलकर आव बनाते हैं। नौ और इक के योग से नाविक बनता है। इसलिए यह उदाहरण अयादि संधि के अंतर्गत आएगा।
भो + अन (ओ + अ) | भवन (अव) |
ऊपर जो उदाहरण दिया गया है उसमें आप देख सकते हैं कि ओ और अ दोनों स्वर में हैं। जब शब्दों को मिलाया जाता है, तो इन दो स्वरों के कारण शब्द बदल जाते हैं। जब एक संघ होता है, तो ओ और अ मिलकर अव बनाते हैं। भो और एव अन मिलकर भवन बनाता है। इसलिए यह उदाहरण अयादि संधि के अंतर्गत आएगा।
पो + इत्र (ओ + इ) | पवित्र (आव) |
ऊपर में दिए गए उदाहरण में आप देख सकते हैं ओ और इ दोनों स्वर शब्दों में हैं। जब शब्दों को मिलाया जाता है, तो इन दो स्वरों के कारण शब्द बदल जाते हैं। जब एक संघ होता है, तो ओ और इ मिलकर आव बनाते हैं। पो और इत्र मिलकर इसे पवित्र बनाते हैं। इसलिए यह उदाहरण अयादि संधि के अंतर्गत आएगा।
चे + अन (ए + अ) | चयन (अय) |
जैसा कि आप ऊपर दिए गए उदाहरण में देख सकते हैं कि शब्द में ए और अ दोनों स्वर हैं। जब शब्दों को मिलाया जाता है, तो इन दो स्वरों के कारण शब्द बदल जाते हैं। जब एक संघ होता है, ए और अ एक साथ अय बनाते हैं। चयन चे और अन से मिलकर चयन बना है। इसलिए यह उदाहरण अयादि संधि के अंतर्गत आएगा।
पो + अन (ओ + अ) | पवन (अव) |
ऊपर दिए गए उदाहरण में आप देख सकते हैं कि अयादि संधि शब्द में ओ और अ दोनों स्वर हैं। जब शब्दों को मिलाया जाता है, तो इन दो स्वरों के कारण शब्द बदल जाते हैं। जब एक संघ होता है, तो ओ और अ मिलकर अव बनाते हैं। पो और अन के संयोजन से पवन का निर्माण होता है। इसलिए यह उदाहरण अयादि संधि के अंतर्गत आएगा।
निष्कर्ष
दोस्तों हम उम्मीद करते हैं कि हमारे द्वारा इस लेख में जो अयादि संधि किसे कहते हैं के बारे में जानकारी दी गयी है अगर आप इस लेख को शुरू से अंत तक पढ़ते हैं तो आपको अयादि संधि के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी हासिल हो जायगी तो दोस्तों अगर आपको यह लेख पसंद आता है तो आप इसे सोशल मीडिया पर शेयर कर सकते है और कमेंट सेक्शन में भी लिख कर आप हमें बता सकते हैं। हमारे साथ इस आर्टिकल में आखिर तक बने रहनेके लिए धन्यवाद।