कॉमर्स क्या है? कॉमर्स का मतलब आसान भाषा में यह होता है कि प्रोड्यूसर और कंज्यूमर यानी कि उत्पादक को और उपभोग कर्ताओं के बीच में वस्तुओं और सेवाओं का बड़े पैमाने पर आदान प्रदान किया जाता है। यह आदान-प्रदान कई बार पैसे के रूप में और कई बार बिना पैसे के भी किया जाता है। इसमें सब तरह की गतिविधियां शामिल होती हैं जो कि प्रत्यक्ष रूप से या अप्रत्यक्ष रूप से इस प्रक्रिया को प्रभावित करती है। यह इस सिद्धांत पर काम करता है कि जो भी प्रोडक्ट बनता है उसका इस्तेमाल किया जाना चाहिए । कॉमर्स अर्थव्यवस्था के अंदर वस्तु और विवो की निरंतर और कुशल आपूर्ति और मांग बनाता है। एक बात का और ध्यान रखा जाना चाहिए कि “कॉमर्स बिजनेस का एक उपसमूह है, न कि इसका पर्यायवाची”।
कॉमर्स की विशेषताएं
- कॉमर्स वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादकों और उपभोक्ताओं के बीच एक पुल बनाता है।
- यह पर्याप्त विचार के लिए अर्थव्यवस्था में वस्तुओं और सेवाओं के आदान-प्रदान में मदद करता है।
- कॉमर्स उन सभी सेवाओं को शामिल करता है जो विभिन्न संगठनों द्वारा बाजार में वस्तुओं और सेवाओं का मुक्त प्रवाह करने के लिए दी जाती हैं।
- यह विनिमय की प्रक्रिया को प्रभावित करने वाली सभी बाधाओं को दूर करता है। ये बाधाएं व्यक्ति, समय, स्थान, जोखिम, ज्ञान, वित्त आदि से संबंधित हैं।
- व्यावसायिक गतिविधियाँ मुनाफे की कमाई के साथ होती हैं।
- कॉमर्स अर्थव्यवस्था में उपयोगिता पैदा करता है।
कॉमर्स क्या है? और कॉमर्स का महत्व
कॉमर्स प्रत्येक व्यक्ति के जीवन के साथ-साथ देश की अर्थव्यवस्था में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कॉमर्स कंपनियों के विकास में भी मदद करता है।
कॉमर्स निम्नलिखित तरीकों से महत्वपूर्ण है:
- कॉमर्स बढ़ती हुई मानवीय आवश्यकताओं की पूर्ति करता है।
- यह उत्पादकों को उपभोक्ताओं से जोड़ता है।
- यह समाज को विभिन्न उत्पाद और सेवाएं प्रदान करके जीवन स्तर में सुधार करता है।
- यह घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में वस्तुओं और सेवाओं के वितरण और आवाजाही में मदद करता है।
- कॉमर्स अर्थव्यवस्था में रोजगार के अवसर पैदा करता है।
- यह राष्ट्रीय आय और धन को बढ़ाता है और एक देश को विदेशी मुद्रा अर्जित करने में भी मदद करता है।
- यह औद्योगिक विकास के विकास को बढ़ावा देता है।
- यह व्यापार के लिए सहायता का विस्तार करता है और उनका आधुनिकीकरण करता है।
- यह अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को प्रोत्साहित करता है और वस्तुओं और सेवाओं के आयात और निर्यात में मदद करता है।
- कुशल श्रम का आयात और कच्चे माल का निर्यात अविकसित देशों के विकास में मदद करता है। यह भी कॉमर्स के कारण ही संभव हो सकता है।
कॉमर्स के प्रकार
कॉमर्स का आसान भाषा में यह मतलब होता है कि उत्पादक और उपभोग कर्ताओं के बीच में वस्तुओं और सेवाओं का बड़े पैमाने पर आदान प्रदान करना। कॉमर्स कई प्रकार का होता है जैसे कि बिजनेस टू बिजनेस, बिजनेस टू कंज्यूमर (उपभोक्ता),
- बिजनेस-टू-बिजनेस (बी2बी)
- बिजनेस-से-उपभोक्ता (बी2सी)
- उपभोक्ता से उपभोक्ता (C2C)
- उपभोक्ता-से-बिजनेस (C2B)
- बिजनेस-से-प्रशासन (B2A)
- उपभोक्ता-से-प्रशासन (C2A)
बिजनेस-टू-बिजनेस (बी2बी)
बिजनेस टू बिजनेस कॉमर्स में वस्तुओं और सेवाओं को एक बिजनेस से दूसरे बिजनेस या एक फर्म से दूसरे फर्म में या एक फैक्ट्री से दूसरी फैक्ट्री में भेजा जाता है। इस मामले में खरीदने वाली कंपनी उपभोक्ता या अंतिम उपभोक्ता को सम्मान दिया सेवाओं को फिर से भेज सकती है। निर्माता थोक विक्रेता यानी होलसेल b2b कॉमर्स के सर्वोत्तम उदाहरण हैं। उदाहरण के लिए जैसे एक कंपनी से कच्चा माल खरीद कर दूसरी कंपनी एक नया उत्पाद बनाती है।
बिजनेस-से-उपभोक्ता (बी2सी)
बी2सी यानी बिजनेस टी उपभोक्ता इसमें एक बिजनेस या बिजनेस अपने उत्पाद को उपभोक्ता तक पहुंचाता है ।एक बिजनेस अपने उत्पाद को उपभोक्ता तक कई प्रकार से पहुंचा सकता है वह इसमें होलसेल रिटेलर ऑनलाइन डिस्ट्रीब्यूटर नेटवर्क का भी सहारा ले सकता है। कुछ बड़े-बड़े बिजनेस अपने रिटेल स्टोर खोल कर भी अपने उत्पादों को बेच सकते हैं ।
उपभोक्ता से उपभोक्ता (C2C)
इस तरह की कॉमर्स में एक उपभोक्ता दूसरों को उपभोक्ता को कोई सामान बहुत आसानी से देख सकता है।वह इस सामान का आदान-प्रदान चाहे तो ऑनलाइन साइट जैसे की ओएलएक्स पर जाकर अपने पुराने सामान को दे सकता है या दूसरों को भोगता से मिलकर भी कुछ सामान को भेज सकता है । इसमें खरीदने और बेचने दोनों ही होता होते हैं जो कुछ सामान का उपयोग करते हैं । आसान शब्दों में हम यह कह सकते हैं कि एक समान को इस्तेमाल करने के बाद उसके पुराने हो जाने पर वह इसे दूसरों को उपभोक्ता को भेज सकता है जो कि उसका इस्तेमाल करेगा।
उपभोक्ता-से-बिजनेस (C2B)
C2B इस प्रकार का कॉमर्स यह कहता है कि जिसमें उपभोक्ता उत्पादों या सेवाओं को कंपनी को बेचने के लिए तैयार करता है। जैसे कि ब्लॉगिंग, यूट्यूब वीडियो, फोटोग्राफी, ग्राफिक डिजाइनर आदि यह सब C2B यानी कि होता से बिजनेस के उदाहरण है। ऑनलाइन शॉपिंग कंपनियां जैसे Flipkart, Amazon, आदि भी वेबसाइट के मालिकों को उनके साथ जुड़कर अपने उत्पादों को अपनी साइट पर बेचने की अनुमति देती हैं।
बिजनेस-से-प्रशासन (B2A)
बिजनेस से प्रशासन इसे हम भी तो B2A और B2G भी कहते हैं।जो कंपनियां और सरकार का प्रशासन एजेंसियों के बीच लेनदेन को निर्धारित करता है । इसमें बिज़नस अपना सामान या सेवाएं सरकार को बहुत आसानी से भेज सकती हैं । सरकार इन उत्पादों या सेवाओं को प्राइवेट कंपनियों से खरीद कर बहुत ही कम दामों पर लोगों को उपलब्ध करवाती है। Accela, एक सॉफ्टवेयर कंपनी, कॉमर्स के ऐसे मॉडल का एक उदाहरण है जो सरकारी सॉफ़्टवेयर समाधान और कई अन्य सेवाएँ प्रदान करता है।
उपभोक्ता-से-प्रशासन (C2A)
C2A मतलब उपभोक्ता से प्रशासन लेन-देन व्यक्तियों और सरकारी प्रशासन के बीच होता है। यह मॉडल उपयोगकर्ताओं के लिए अपने स्थानीय सार्वजनिक प्राधिकरण से सीधे पूछे प्रश्न में मददगार साबित होता है। ये प्रश्न कर, स्वास्थ्य, उच्च शिक्षा के लिए ट्यूशन फीस के भुगतान आदि से संबंधित हो सकते हैं।
कॉमर्स और बिजनेस में अंतर
कहीं लोग कॉमर्स और बिजनेस को एक ही चीज समझ लेते हैं परंतु ऐसा नहीं होता है। कॉमर्स और बिजनेस में बहुत बड़ा अंतर होता है। कॉमर्स में सिर्फ खरीदना एवं बेचना शामिल होता है परंतु बिजनेस में बहुत सारी चीजें शामिल होती हैं जैसे कि प्लानिंग, मार्केटिंग, डिस्ट्रीब्यूटर, एडवरटाइजिंग, अकाउंटिंग, मेंटेनेंस, सुपरविजन आदि।
वाणिज्य में केवल खरीदना और बेचना शामिल है, जबकि व्यवसाय में बहुत कुछ शामिल है। इसमें नियोजन, विपणन, वितरण, लेखांकन, पर्यवेक्षण, रखरखाव, और बहुत कुछ जैसी गतिविधियाँ शामिल हैं। हालाँकि, वाणिज्य इन गतिविधियों में से प्रत्येक में भी शामिल है।
निष्कर्ष
हम ने आप को इस आर्टिकल में विस्तार से बताया है कॉमर्स क्या है?, कॉमर्स की विशेषताएं, कॉमर्स का महत्व और साथ ही कॉमर्स के प्रकार का विस्तार से बताया है तो आप को हमारा यह आर्टिकल पसंद आया होगा तो इसको शेयर करे