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दिल्ली की राजधानी क्या है
दिल्ली ही दिल्ली राज्य की राजधानी है। दिल्ली में सरकार को आधिकारिक तौर पर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की सरकार कहा जाता है। दिल्ली पहले केंद्र शासित प्रदेश था। जिसे बाद में संसद द्वारा कानून बनाकर सीमित शक्तियों वाले राज्य का दर्जा दिया गया। भारत के स्वतंत्र होने के बाद भी दिल्ली भारत की राजधानी बनी रही। जो अब तक भारत की राष्ट्रीय राजधानी है। मुंबई को भारत की आर्थिक राजधानी कहा जाता है। जबकि भारत की राजनीतिक राजधानी दिल्ली कहलाती है।
वर्ष 1956 में दिल्ली को केंद्र शासित प्रदेश के रूप में मान्यता दी गई थी। 1991 में दिल्ली को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र घोषित किया गया था। पहले भारत की राजधानी कोलकाता थी। शिमला कुछ समय के लिए ग्रीष्मकालीन भारत की राजधानी भी थी। अंग्रेजों के समय में ही कोलकाता और शिमला भारत की राजधानी हुआ करते थे। लेकिन प्राचीन काल में (अशोक) भारत की राजधानी पाटलिपुत्र (पटना) थी।
दिल्ली राज्य की स्थापना कब हुई
दिल्ली राज्य की स्थापना कब हुई थी ये बात शायद कुछ ही लोग जानते होंगे। चौधरी ब्रह्म प्रकाश मार्च 1952 में दिल्ली के पहले मुख्यमंत्री बने। कुछ लोग सोचते हैं कि मदन लाल खुराना पहले मुख्यमंत्री बने। क्या है इसके पीछे का इतिहास, पढ़िए इस लेख में।
दिल्ली के पहले मुख्यमंत्री कौन थे
दरअसल, 17 मार्च 1952 को दिल्ली का पहला विधानसभा चुनाव हुआ था। जिसमें मुख्यमंत्री चौधरी ब्रह्म प्रकाश बने थे। लेकिन 1956 में इसे केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया। जिसके चलते दिल्ली विधानसभा चुनाव रद्द कर दिया गया।
भारत का दिल दिल्ली को क्यों कहा जाता है
दिल्ली को भारत का दिल कहा जाता है क्योंकि यह भारत की राजधानी है और यह भारत का सबसे अधिक आबादी वाला शहर है। दिल्ली में विदेशी नागरिकों की भी बड़ी आबादी है। दिल्ली अपने ऐतिहासिक स्थलों, विशेष रूप से कुतुब मीनार और लाल किले के लिए भी जानी जाती है।
दिल्ली को भारत का आर्थिक शहर क्यों माना जाता है
भारत की आर्थिक महाशक्ति के रूप में दिल्ली का उदय कई कारकों के कारण हुआ है। शहर में अत्यधिक कुशल कार्यबल है और यह कई बहुराष्ट्रीय व्यवसायों का घर है। इसके अतिरिक्त, दिल्ली रेल और सड़क नेटवर्क से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है और इसमें एक कुशल बुनियादी ढांचा है। इसके अलावा, शहर में एक स्थिर राजनीतिक माहौल है जो इसे व्यावसायिक कार्यों के लिए अनुकूल बनाता है।
दिल्ली का पुराना नाम क्या था
अगर हम दिल्ली के पुराने नाम की बात करें तो इसका इतिहास बहुत पुराना है। ऐसा माना जाता है कि महाभारत काल में जब दुर्योधन ने हस्तिनापुर में पांडवों को जमीन देने से इनकार कर दिया था, तब उन्होंने दिल्ली में अपनी राजधानी बसाई थी।
तब पांडवों ने इसका नाम ‘इंद्रप्रस्थ’ रखा। इस प्रकार हम दिल्ली का पुराना नाम इंद्रप्रस्थ कह सकते हैं। महाराजा पृथ्वीराज चौहान दिल्ली के अंतिम हिंदू सम्राट थे। 1206 ई. के बाद यह दिल्ली सल्तनत की राजधानी बना। यह वही दिल्ली सल्तनत थी जहां खिलजी वंश, तुगलक वंश, सैय्यद वंश और लोदी वंश पर कई अन्य राजवंशों का शासन था।
दिल्ली में कितने नगर निगम हैं
वर्तमान समय में दिल्ली नगर निगम तीन भागों में बंटा हुआ है। तीनों नगर निगमों के नाम इस प्रकार हैं।
- उत्तरी दिल्ली नगर निगम
- दक्षिणी दिल्ली नगर निगम
- पूर्वी दिल्ली नगर निगम
दिल्ली में इन तीन निगमों के अलावा दो और नगर निगम काम कर रहे हैं, उनके नाम इस प्रकार हैं:-
- नई दिल्ली नगर परिषद
- दिल्ली छावनी बोर्ड
उपरोक्त दोनों निगम दिल्ली नगर निगम के अंतर्गत नहीं आते हैं।
वर्तमान समय (2022) की बात करें तो दिल्ली के तीनों नगर निगमों पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का कब्जा है। वर्तमान दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) का कार्यकाल अप्रैल 2022 तक था। यानी अगले एमसीडी चुनाव अप्रैल 2022 में होने का प्रस्ताव था।
लेकिन अप्रैल 2022 में तीन नगर निगमो को एकीकृत करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा संसद में पेश किया गया बिल 05 अप्रैल 22 को पारित किया गया है। अब परिसीमन की कार्रवाई फिर से करनी होगी। और नतीजतन, प्रस्तावित नगरपालिका चुनाव परिसीमन के बाद ही होने की उम्मीद है।
निष्कर्ष
आज के इस लेख में हमने दिल्ली की राजधानी क्या है के बारे में जाना है,हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारे द्वारा दिल्ली की राजधानी क्या है के बारे में जो जानकारी दी गयी है वह आपको पढ़ने के बाद सही लगी होगी अगर आपको यह जानकारी सही लगती है तो आप अपने दोस्तों के साथ इसे शेयर कर सकते हैं और इस तरह के और भी लेख पढ़ने के लिए आप हमारे कमे्न्ट सेक्शन में भी लिख कर बता सकते हैं यहाँ तक बने रहने के लिए आप का धन्यवाद।