नमस्कार दोस्तों स्वागत है आप सभी का अपनी वेबसाइट Hindi Learning पर। आज हम आपके लिए लेकर आए हैं गुण संधि किसे कहते हैं इस बारे में हम आपको आज विस्तार से समझाएंगे और यदि आप ऐसे और टॉपिक की जानकारी पाना चाहते हैं तो आप हमारी वेबसाइट के होम पेज पर जाकर उन टॉपिको की भी जानकारी ले सकते हैं।
गुण संधि की परिभाषा
जब संधि करते समय अ,आ, के बाद इ, ई आता है, तो “ए” बनता है। जब अ, आ के बाद उ,ऊ, आता है तो यह ओ हो जाता है। जब अ ,आ के बाद ऋ आता है, तो अर बनता है।
गुण संधि के उदाहारण:-
ऊमा + ईश (आ + ई) | ऊमेश (ए) |
ऊपर दिए गए उदाहरण में, जिसमें आप स्पष्ट रूप से देख सकते हैं कि जब शब्दों को एक साथ जोड़ा जाता है, तो आ और ‘ई’ मिलकर ‘ए’ बनाते हैं। तो यह उदाहरण संपत्ति सम्मेलन के अंतर्गत आएगा।
नर + ईश (अ + ई) | नरेश (ए) |
जैसा कि ऊपर दिए गए उदाहरण में दिखाया गया है, जब शब्दों को आपस में जोड़ा जाता है, तो अ और ‘ई’ मिलकर ए बनाते हैं। जब इस शब्द का व्यवहार किया जाता है, तब एक परिवर्तन आता है और इस परिवर्तन के कारण पूरे शब्द में परिवर्तन दिखाई देता है। इसलिए, इस उदाहरण को विशेषता सम्मेलन के तहत रखा जाएगा।
मह + इंद्र (अ + इ) | महेंद्र (ए) |
उपरोक्त उदाहरण में आप स्पष्ट रूप से देख सकते हैं कि जब शब्द अ और ‘इ एक साथ जुड़कर ‘ए’ बनाते हैं। तो यह उदाहरण संपत्ति सम्मेलन के अंतर्गत आएगा।
मन + उपदेश (अ + उ) | मनोपदेश (ओ) |
उपरोक्त उदाहरण में आप स्पष्ट रूप से देख सकते हैं कि जब दो आकाश आपस में जुड़ते हैं, तो तीसरा स्वर बनता है। जब शब्द संयुक्त होते हैं, तो ‘अ’ और ‘उ’ मिलकर ‘ओ’ बनाते हैं। संधि के बाद पूरे समय परिवर्तन दिखाई देते हैं। अतः इस शब्द को गुण यौगिक का उदाहरण माना जाएगा।
महा + ऋषि (अ + ऋ) | महर्षि (अर्) |
उपरोक्त उदाहरण में, आप देख सकते हैं कि जब शब्दों को जोड़ा जाता है, तो वाक्य में ‘अ’ और ‘ऋ दो स्वर होते हैं। जब वे एक साथ जुड़ते हैं, तो यह ‘अर्’ हो जाता है। तो यह उदाहरण गुण संधि के अंतर्गत आएगा।
गुण संधि के अन्य उदाहरण
अ + इ | ए |
देव + इंद्र | देवेंद्र |
सुर + इंद्र | सुरेंद्र |
गज + इंद्र | गजेंद्र |
नर + इंद्र | नरेंद्र |
अ + ई | ए |
नर + ईश | नरेश |
राम + ईश्वर | रामेश्वर |
कमल + ईश | कमलेश |
आ + इ | ए |
हेमा + इंद्र | हेमेंद्र |
राजा + इंद्र | राजेंद्र |
आ + ई | ए |
महा + ईश्वर | महाश्वर्य |
राका + ईश | राकेश |
लंका + ईश | लंकेश |
अ + उ | ओ |
सूर्य + उदय | सूर्योदय |
मानव + उचित | मानवोचित |
अ + ऊ | ओ |
महा + उदय | महोदय |
आ + ऊ | ओ |
महा + उर्मि | महोर्मि |
दया + उर्मि | दिओर्मि |
अ+ ऋ | अर् |
देव + ऋषि | देवर्षि |
सप्त + ऋषि | सप्तर्षि |
आ + ऋ | अर् |
महा + ऋषि | महर्षि |
वर्षा + ऋतु | वर्षार्तु |
निष्कर्ष
आज के इस लेख में अगर आपको गुण संधि किसे कहते हैं के बारे में समझ नहीं आया तो आप हमें कमेंट करके जरूर बताइए जिससे कि हम अपने आर्टिकल में सुधार कर पाए और न्यू अपडेट कर सके। और आपको हमारा यह आर्टिकल कैसा लगा आप हमें यह भी बता सकते हैं और हमारे इस लेख को सोशल मीडिया पर भी शेयर कर सकते है हमारे साथ इस आर्टिकल में आखिर तक बने रहने के लिए धन्यवाद।