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कर्नाटक की राजधानी का इतिहास
यह शहर 1004 ईस्वी तक गंगा राजवंश का हिस्सा रहा है, जिसे पहले बेंगा-वालोरू के नाम से जाना जाता था। प्राचीन कन्नड़ भाषा के अनुसार, इसका अर्थ है “रखवाले का शहर”।
इसके बाद तमिलनाडु के चोल शासकों ने 1015 ईस्वी से 1116 ईस्वी तक इस शहर पर शासन किया और फिर इसके बाद यह शहर होयसल वंश का अधिपति बन गया। लेकिन कहा जाता है कि इस बैंगलोर की स्थापना 1537 में विजयनगर साम्राज्य के दौरान हुई थी।
जब विजयनगर साम्राज्य का पतन हुआ, तो शहर मराठा सेनापति शाहजी भोंसले के हाथों में चला गया, और उसके बाद मुगलों का शासन था। यह शहर मैसूर का हिस्सा बन गया जब महान मुगल शासक औरंगजेब ने इसे 1689 में चिक्कराजा वोडेयार को बेच दिया।
लेकिन इससे पहले 1686 में औरंगजेब ने दक्षिण में अपना साम्राज्य स्थापित करने के लिए बीजापुर साम्राज्य पर अधिकार कर लिया था। चिक्कराजा वोडेयार मैसूर साम्राज्य के 14वें शासक थे। चिक्कराजा वोडेयार और महान मुगल शासक औरंगजेब की दोस्ती काफी मशहूर थी।
जब चिक्कराजा वोडेयार की मृत्यु हुई, तो 1759 में मैसूर जनरल हैदर अली ने इसे अपने अधिकार में ले लिया। और उनकी मृत्यु के बाद, उनके बेटे टीपू सुल्तान ने 1799 ईस्वी तक इस शहर पर शासन किया। टीपू सुल्तान को शेर-ए-मैसूर के नाम से भी जाना जाता है। 1799 में मैसूर की चौथी लड़ाई में टीपू सुल्तान की मृत्यु हो गई।
बंगलौर शहर, जो उस समय सबसे बड़ा क्षेत्र था, अंग्रेजों के नियंत्रण में आता है। फिर मैसूर की राजधानी को 1831 में मैसूर शहर से बदलकर बैंगलोर कर दिया गया। 1947 में जब अंग्रेजों ने भारत को आजाद कराया, तो मैसूर राज्य को भारत में मिला दिया गया और फिर 1956 ई. में बैंगलोर को भारत के कर्नाटक राज्य की राजधानी बनाया गया।
कर्नाटक के पर्यटन स्थल
कर्नाटक राज्य की राजधानी बैंगलोर में कई ऐसे आकर्षक और आकर्षक पर्यटन स्थल हैं, जहां जाने मात्र से ही मन मोह लेता है। बैंगलोर की खूबसूरती भी बेहद मंत्रमुग्ध कर देने वाली है।
शिव मूर्ति:- बैंगलोर की यह शिव मूर्ति 65 मीटर ऊंची है। इस मूर्ति में भगवान शिव पद्मासन की स्थिति में विराजमान हैं। यहां दर्शक घूमने के साथ-साथ घूमने के लिए भी आते हैं।
बसवनगुडी बैल मंदिर:- इस मंदिर में भगवान शिव के वाहन नंदी बैल की मूर्ति है। यह मूर्ति 4.5 मीटर ऊंची और 6 मीटर लंबी यानि 15 फीट ऊंची और 20 फीट लंबी है। कहा जाता है कि मंदिर का निर्माण 1537 में विजयनगर साम्राज्य के शासक केम्पेगौड़ा ने करवाया था। यहां रोजाना बड़ी संख्या में भक्त देखे जा सकते हैं।
इस्कॉन मंदिर:- इस्कॉन मंदिर (द इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कांसी) बैंगलोर की खूबसूरत इमारतों में से एक है। बैंगलोर की राजधानी का मुख्य पर्यटन स्थल इस्कॉन मंदिर है। इस्कॉन मंदिर में छह मंदिर हैं।
- पहला राधा कृष्ण मंदिर जो यहाँ मुख्य है
- दूसरा मंदिर कृष्ण बलराम का है।
- तीसरा मंदिर निताई गौरांग का है।
- चौथा मंदिर भगवान श्रीनिवास गोविंदा का है
- पांचवां मंदिर प्रह्लाद नरसिंह का है।
- छठा मंदिर श्रील प्रभुपाद का है।
आपको बता दें कि उत्तरी बैंगलोर के राजाजीनगर में स्थित कृष्ण और राधा का मंदिर दुनिया का सबसे बड़ा इस्कॉन मंदिर है। इस मंदिर का उद्घाटन शंकर दयाल शर्मा ने वर्ष 1997 में किया था।
कर्नाटक की राजधानी क्या है?
कर्नाटक की राजधानी ‘बेंगलुरु’ है। जब 1 नवंबर 1956 को भारत के कर्नाटक राज्य का गठन किया गया था, तब इस राज्य की राजधानी ‘बेंगलुरु’ में स्थापित की गई थी। यह भारत गणराज्य में तीसरा सबसे बड़ा शहर और पांचवां सबसे बड़ा महानगरीय क्षेत्र है। इस शहर को पहले बैंगलोर के नाम से जाना जाता था।
यह शहर आज भी इसी नाम से जाना जाता है, लेकिन केंद्र सरकार से मंजूरी मिलने पर 1 नवंबर 2014 को इसका नाम बैंगलोर से बदलकर बैंगलोर कर दिया गया। शहर का एक उपनाम भी है जिसे ‘भारत की सिलिकॉन वैली’ के नाम से जाना जाता है।
कर्नाटक का क्षेत्रफल और जनसंख्या
कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु महानगर लगभग 709 किमी यानी 274 वर्ग मील के क्षेत्र में फैला हुआ है। इसका जनसंख्या घनत्व 1200 व्यक्ति प्रति किलोमीटर है। अगर इस शहर की जनसंख्या की बात करें तो 2011 की जनगणना के अनुसार इस शहर की जनसंख्या 84,43,675 है।
2011 की जनगणना के अनुसार महानगर की जनसंख्या लगभग 84,99,399 है। इस शहर का लिंगानुपात प्रति 1000 पुरुषों पर 916 महिलाएं हैं। यहां की साक्षरता दर 87.67% है, जिसमें कुल साक्षरता दर का 91.01% पुरुष और 84.01% महिला है।
निष्कर्ष
आज के इस लेख में आपने कर्नाटक की राजधानी क्या है इसके बारे में जाना है,हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारे द्वारा कर्नाटक की राजधानी क्या है के बारे में जो जानकारी दिया गया है वह आपको पढ़ने के बाद सही लग रहा होगा अगर आपको यह जानकारी सही लगती है तो आप अपने दोस्तों के साथ इसे शेयर कर सकते हैं और इस तरह के और भी लेख पढ़ने के लिए आप हमारे कमे्न्ट सेक्शन में भी लिख कर बता सकते हैं