नमस्कार दोस्तों स्वागत है आप सभी का अपनी बेबसाइट Hindi Learnings पर। दोस्तों आपको इस वेबसाइट पर शिक्षा से जुड़े हुए लेख पढ़ने को मिलते हैं क्योंकि हमारी इस वेबसाइट का लक्ष्य है लोगों को घर बैठे अच्छी शिक्षा का ज्ञान प्राप्त कराना। अगर आप इस वेबसाइट पर दिए गए लेख को सही ढंग से पढ़ते हैं तो आपको किसी भी एग्जाम में कोई परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा दोस्तों आज के इस लेख में हम श्रृंगार रस किसे कहते हैं के बारे में जानेगे।
श्रृंगार रस किसे कहते हैं
आचार्य भोजराज ने श्रृंगार को रसराज कहा है। श्रृंगार रस का आधार स्त्री और पुरुष का परस्पर आकर्षण है, जिसे काव्य में रति स्थायी भाव कहा गया है। जब विभव, अनुभव और संचारी भाव के संयोग से रति स्थायी भाव सुस्वादु हो जाता है, तो उसे श्रृंगार रस कहा जाता है। श्रृंगार रस में सुखद और दुखद दोनों तरह के अनुभव होते हैं।
श्रृंगार रस के भेद
श्रृंगार रस के दो भेद दिय गए हैं-
- संयोग श्रृंगार रस
- वियोग श्रृंगार रस
संयोग श्रृंगार रस
जहां नायक-नायिका के संयोग या मिलन का वर्णन होता है, वहां संयोग होता है।
उदाहरण:-
“चितवत चकित चहूँ दिसि सीता। कहँ गए नृप किसोर मन चीता।।
लता ओर तब सखिन्ह लखाए। श्यामल गौर किसोर सुहाए।।
थके नयन रघुपति छबि देखे। पलकन्हि हूँ परिहरी निमेषे।।
अधिक सनेह देह भई भोरी। सरद ससिहिं जनु चितव चकोरी।।
लोचन मग रामहि उर आनी। दीन्हें पलक कपाट सयानी।।”
यहां सीता का राम के प्रति जो प्रेम भाव है वही रति स्थाई भाव है राम और सीता आलम्बन विभाव लतादी उद्दीपन, विभाव, देखना देह का भारी होना आदि अनुभाव तथा हर्ष उत्सुकता आदि संचारी भाव है। अत: यहां पर पूर्ण रुप से शृंगार रस का बोध हो रहा है।
वियोग श्रृंगार रस
जहां वियोग की अवस्था में नायक-नायिका के प्रेम का वर्णन होता है, उसे वियोग रस कहा जाता है।
उदाहरण:-
“कहेउ राम वियोग तब सीता। मो कहँ सकल भए विपरीता।।
नूतन किसलय मनहुँ कृसानू। काल-निसा-सम निसि ससि भानू।।
कुवलय विपिन कुंत बन सरिसा। वारिद तपत तेल जनु बरिसा।।
कहेऊ ते कछु दुःख घटि होई। काहि कहीं यह जान न कोई।।”
यहां राम का सीता के प्रति जो प्रेम भाव है वही रती स्थाई भाव राम आश्रय सीता आल्मबन प्राकृतिक दृश्य उद्दीपन विभाव, कम्प,पुलक और अश्रु अनुभव तथा विषाद गलानी चिंता दीनता आदि संचारी भाव है अतः यहां वियोग श्रृंगार रस का बोध हो रहा है।
निष्कर्ष
आज के इस लेख में हमने श्रृंगार रस किसे कहते हैं के बारे में जाना हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारे द्वारा श्रृंगार रस किसे कहते हैं के बारे में जो जानकारी दी गयी है वो आपको समझ में आ गयी होगी अगर आप ऐसे ही हिंदी व्याकरण में कोई और प्रश्न जानना चाहते हैं है तो हमारी इस वेबसाइट के कमेन्ट बॉक्स में हमे उस विषय के बारे में लिखकर भेज सकते है हम जल्द से जल्द उस पर आर्टिकल जरुर लिखेगे हमारे साथ इस आर्टिकल में आखिर तक बने रहने के लिए आप का धन्यवाद।