दोस्तों आपने गंगा नदी, यमुना नदी, सरस्वती नदी व हिंद नदी आदि नदियों के बारे में जरूर सुना और पढ़ा होगा। क्या आपको पता है सिंधु नदी कहा से बहती है, सिंधु नदी तंत्र क्या है ? सिंधु नदी की सहायक नदियां कौन-कौन सी है? आपकी जानकारी के लिए बता दें, कि सिंधु नदी और सरस्वती नदी भारतीय सभ्यता के सबसे पुरानी नदी मानी जाती है। गंगा नदी से पूर्व सिंधु नदी की हर तरफ महिमा थी। सिंधु का शब्दाकि अर्थ जलराशि होता है। भारत में सिंधु नदी केवल जम्मू कश्मीर राज्य लेह जिले में ही बहती है। एक शोध के अनुसार इस यह नदी 3600 किलोमीटर लंबी है और इस नदी का क्षेत्रफल तकरीबन 11 लाख हजार 65 वर्ग किलोमीटर से भी अधिक है। यह नदी भारत से होकर गुजरती है, पहले यह माना जाता था कि यह नदी तिब्बत के मानसरोवर के पास स्थित सिन- का- बाब से निकलती है। आज के इस आर्टिकल में हम आपको सिंधु नदी की सहायक नदियां से संबंधित सभी प्रकार की जानकारी आपको उपलब्ध कराएंगे साथ ही सिंधु नदी की सहायक नदियां कौन-कौन सी है जाने सिंधु नदी से जुड़े सभी प्रश्न के बारे में भी बताएंगे तो बने रहिए हमारे साथ इस आर्टिकल के अंत तक।
सिंधु नदी तंत्र क्या है
सिंधु नदी तंत्र हिमालय पर्वत से निकलने वाली सभी नदियों का एक महत्वपूर्ण तंत्र है। यह सिर्फ भारत का ही नहीं बल्कि पूरे विश्व की भी बड़ी नदी प्रणाली है। इस नदी का अपवाह क्षेत्र 11,65,000 वर्ग किलोमीटर है जिसमें से 3,21,289 वर्ग किलोमीटर भारत में स्थित है बाकी इसका से पाकिस्तान में स्थित है।
इस नदी का उद्गम तिब्बत (चीन) में कैलाश पर्वत की चोटी पर स्थित मानसरोवर झील के पास सिंगी खंबान ग्लेशियर से हुआ है।यह नदी लद्दाख श्रेणी को काटती हुई, जम्मू कश्मीर में स्थित गिलगित के निकट एक गार्ज (महाखंड) बनाती है। सिंधु नदी अटक के निकट पहाड़ियों से बाहर निकलती है। यही दाहिनी तरफ से काबुल नदी सिंधु नदी में मिलती है। खुर्रम ,तोची व सिंगर आदि सिंधु नदी की सहायक नदियां है। यह सभी नदियां सुलेमान पर्वत से निकलती है।
सिंधु नदी की सहायक नदियां कौन-कौन सी है
सिंधु की सहायक नदियां निम्न है। इसकी कुछ नदियां हिमालय पर्वत से निकलती है तो कुछ नदियां अटक के निकट पहाड़ियों से होकर निकालती है।
हिमालय पर्वत श्रृंखला से निकलने वाली सिंधु की सहायक नदियां खुर्रम, तोची, गोमल, विबोआ, और संघार नदी सिंधु की सहायक नदियां है जोकि सुलेमान पर्वत से होकर निकलती है।
वहीं दूसरी तरफ श्योक, गिलगित,जास्कर, हुंजा,नुब्रा, शिगार, गास्टिंग और द्रास जम्मू – कश्मीर व लद्दाख के क्षेत्र की सिंधु की सहायक नदियां है।
अगर दक्षिणी क्षेत्र की बात करें तो दक्षिण की ओर बहती हुई मीथनकोट के पास पंचनद नदी बहती है। पंचनद अर्थात पंजाब की पांच मुख्य नदियां सतलुज, व्यास ,रावी, चेनाब और झेलम। इसे सिंधु नदी की प्रमुख सहायक नदियां भी कहते हैं। और अंत में सिंधु नदी कराची के अरब सागर में जाकर मिलती है।
सिंधु नदी की सहायक नदियां
S.NO | सिंधु नदी की सहायक |
---|---|
1 | झेलम नदी |
2 | चिनाब नदी |
3 | रावी नदी |
4 | व्यास नदी |
5 | सतलुज नदी |
सिंधु की सहायक नदी – झेलम
झेलम सिंधु नदी की सबसे महत्वपूर्ण सहायक नदियों में से एक है। यह करीब 725 किलोमीटर लंबी है। झेलम नदी कश्मीर घाटी के दक्षिण-पूर्वी भाग में पीर पंजाल गिरिपद में स्थित वेरीनाग झड़ने से निकलती है। यह नदी पाकिस्तान में जाने से पहले जम्मू कश्मीर के श्रीनगर व वूलर झील में बहती हुई तंग वे गहरे महाकुंड से बहते हुए पाकिस्तान के झग के पास यह चेनाब नदी में गिरती है।
सिंधु की सहायक नदी – चिनाब
चिनाब नदी सिंधु की सबसे बड़ी सहायक नदियों में से एक है। इस नदी की कुल लंबाई 1800 किलोमीटर है। यह नदी चंद्रा और भागा दो सरिताओं जोकि हिमाचल प्रदेश के केलांग के पास तांडी के मेल से बनती है। जिसके कारण इस नदी को चंद्रभागा के नाम से भी जाना जाता है। पाकिस्तान में मिलने से पहले यह नदी 1180 किलोमीट भारत की दूरी तय करती है।
सिंधु की सहायक नदी – रावी
रावी नदी सिंधु की सहायक नदियों में से एक है। इस नदी की लंबाई 720 किलोमीटर है। यह नदी हिमाचल के कांगड़ा जिले के रोहतांग दर्रे के पास हिमाचल प्रदेश क्षेत्र में मनाली के पास से निकलती है। यह नदी हिमाचल में चंबा घाटी में बहती हैं और यह पीरपंजाल के दक्षिण पूर्वी क्षेत्र तथा धौलाधार क्षेत्र के बीच भी बहती है। साथ ही रावी नदी अमृतसर और गुरदासपुर जिलों के बीच सीमा का निर्माण भी करती है। पाकिस्तान के चेनाब नदी में मिलने से पहले यह नदी कश्मीर से होते हुए गुजरती है।
सिंधु की सहायक नदी – व्यास
अन्य नदियों की तरह यह भी सिंधु नदी के सहायक नदियों में से एक है। नदी की लंबाई तकरीबन 770 किलोमीटर है। व्यास नदी एक ऐसी नदी है जिसकी शुरुआत और समापन भारत में ही होता है। व्यास नदी हिमाचल प्रदेश के रोहतांग दर्रे के पास व्यासकुंड से बहती हुई निकलती है। व्यास नदी कुल्लू घाटी से होकर गुजरती है और धौलाधार क्षेत्र में काती व लारगी में महाकुंड में बनाती हैं। यह पंजाब के मैदान से बहती हुई। हरिके के निकट सतलुज नदी में जाकर मिल जाती है।
सिंधु की सहायक नदी – सतलुज
सतलुज नदी सिंधु नदी के सहायक नदियों में से एक है। यह नदी 1050 किलोमीटर लंबी है। और इस नदी की शुरुआत तिब्बत के मानसरोवर के निकट राक्षसताल हिमनद से होकर होती है। सतलुज नदी हिमाचल के किन्नौर जिले के शिपकी दर्रे से प्रवेश करती हुई, हिमाचल प्रदेश के भाखड़ा से पंजाब के नांगल से गुजरती हुई, यह फिर हरिकेश से बहती हुई पाकिस्तान के बहावलपुर नामक स्थान पर चेनाब नदी के साथ इसका का संगम होता है।
सिंधु नदी से जुड़े रोचक तथ्य
- सन् 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु जलसंधि के मुताबिक भारत सिंधु,झेलम और चेनाब नदियों का केवल 20% पानी ही उपयोग में ले सकते हैं।
- भाखड़ा नांगल बांध जिसे गोविंद सागर बांध भी कहते हैं , नाथपा झाकरी बांध व कोल बांध आदि सतलुज नदी पर ही बने हुए हैं।
- थीन बांध जो रावी नदी पर, पोंग व हरीके बांध जोकि व्यास नदी पर, तथा सलाल बांध तथा सुस्ती बांध जो कि चेनाब नदी पर बने हुए हैं ।
- चिनाब नदी सिंधु नदी की सबसे बड़ी सहायक नदी है। इस नदी को हिमाचल प्रदेश में चंद्र व भागा आदि नामों से जाना जाता है।
- सिंधु नदी की सहायक नदियों के संस्कृत के नाम झेलम का नाम वितस्ता, चेनाब का अस्किनि व चंद्रभागा , रावी का पुरुष्णी व इरावती, व्यास का विपाशा व आर्ग्रिकिया तथा सतलुज का शतदुर् व शुतुदी् है।
सिंधु नदी की सहायक नदियां कौन-कौन सी है जाने सिंधु नदी से जुड़े सभी प्रश्न
जाने सिंधु नदी से जुड़े सभी प्रश्न हिंदी में जो आप के एग्जाम में काफी हेल्प करेगे
सिंधु नदी की सहायक नदियां कौन-कौन सी है?
रावी, सतलुज, व्यास, झेलम, चिनाब आदि सिंधु की सहायक नदियां है।
सिंधु नदी कितनी किलोमीटर लंबी है?
सिंधु नदी 3600 किलोमीटर लंबी है।
सिंधु नदी की अन्य सहायक नदियां कौन-कौन सी है
खुर्रम ,तोची, गोमल, विबोआ, और संघार नदी, श्योक, गिलगित, जास्कर, हुंजा,नुब्रा, शिगार,गास्टिंग आदि सिंधु नदी की अन्य सहायक नदियां है।
भाखड़ा नांगल बांध किस नदी पर स्थित है
सतलुज नदी पर स्थित है।
सिंधु की सबसे बड़ी सहायक नदी कौन सी है
चेनाब नदी
पंचनद का क्या आशय है
पंचनद का अर्थ पंजाब की पांच नदियों से हैं जो कि सतलुज, व्यास, रावी ,चेनाब और झेलम है।